ऐसे देशों में कोरोना संक्रमण फैलने का जोखिम है अधिक

ऐसे देशों में कोरोना संक्रमण फैलने का जोखिम है अधिक

सेहतराग टीम

कोरोना से बचना है तो सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखना है और हाथों को साफ रखना है। इसलिए सरकार ने भी अपने गाइडलाइन में हाथ को साबुन या सैनिटाइजर से धोने की बात कही है। क्योंकि हाथ अगर गंदे है तो उसपर उपस्थित वायरस आपके हाथ के माध्यम से आपके शरीर में प्रवेश कर सकते है जो खतरनाक हो सकत है। ऐसे में हाथ धोना बेहत जरुरी है। लेकिन एक अध्ययन में ऐसा सच सामने आया है जिसने सबको चौका दिया। भारत, पाकिस्तान, चीन, बांग्लादेश, नाइजीरिया, इथियोपिया, कांगो और इंडोनेशिया समेत सभी देशों में पांच करोड़ से अधिक लोगों के पास हाथ धोने की सुविधा नहीं है। हाथ धोने की उचित व्यवस्था नहीं होने के कारण हर साल 700,000 से अधिक लोगों की मौत हो जाती है।

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इन देशों के पास हाथ धोने की ठीक व्यवस्था नहीं है, जिसके कारण उनके कोरोना वायरस से संक्रमित होने और उनके द्वारा दूसरों तक संक्रमण फैलाने का जोखिम बहुत अधिक है। अमेरिका के वाशिंगटन विश्वविद्यालय में इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ मेट्रिक्स एंड इवॉल्यूएशन (आईएचएमई) के शोधकर्ताओं ने कहा कि निचले एवं मध्यम आय वाले देशों के दो अरब से अधिक लोगों में साबुन और साफ पानी की उपलब्धता नहीं होने के कारण अमीर देशों के लोगों की तुलना में संक्रमण फैलने का जोखिम अधिक है। यह संख्या दुनिया की आबादी का एक चौथाई है।

जर्नल एन्वायर्मेंटल हेल्थ पर्सपैक्टिव्ज में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, उप सहारा अफ्रीका और ओसियाना के 50 फीसदी से अधिक लोगों को अच्छे से हाथ धोने की सुविधा नहीं है। आईएचएमई के प्रोफेसर माइकल ब्राउऐर ने कहा कि कोविड-19 संक्रमण को रोकने के महत्वपूर्ण उपायों में हाथ धोना एक महत्वपूर्ण उपाय है। यह निराशाजनक है कि कई देशों में यह उपलब्ध नहीं है। इन देशों में स्वास्थ्य सुविधाएं भी सीमित हैं।  शोध में पता चला कि 46 देशों में आधे से अधिक आबादी के पास साबुन और साफ पानी की उपलब्धता नहीं है। अध्ययन के मुताबिक ‘‘हैंड सैनिटाइजर जैसी चीजें तो अस्थायी व्यवस्था है, इसकी इन मुल्कों में भारी कमी है। बाकी कोविड से सुरक्षा के लिए दीर्घकालक उपायों की जरूरत है, जिसकी कमी तो है ही। 

दुनिया की 25 फीसदी आबादी के पास ठीक से हाथ धोने की व्यवस्था नहीं है। हालांकि, 1990 से 2019 के बीच इसमें मात्रात्मक सुधार आया है। इन देशों में सऊदी अरब, मोरक्को, नेपाल और तंजानियां शामिल हैं। इसी महीने की शुरुआत में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना वायरस से इस साल के अंत तक 1 लाख 90 हजार लोगों के मरने का अनुमान जताया था।

 

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